Saturday 28 March 2020

वीडियो एडिटिंग : ट्रांजीशन (Transition)

वीडियो ट्रांजीशन (Video transition)

जिस तरीके से किसी भी दो वीडियो शॉट्स को एक साथ जोड़ा जाता है उसे वीडियो ट्रांजीशन कहते हैं (The way in which any two video shots are joined together is called the Video transition).

यह एक पोस्ट-प्रोडक्शन तकनीक है जिसका उपयोग फिल्म या वीडियो संपादन में एक शॉट को दूसरे से जोड़ने के लिए किया जाता है। अक्सर जब एक फिल्म निर्माता दो शॉट एक साथ जोड़ना चाहता है, तो वे एक मूल ट्रांजीशन “कट” का उपयोग करते हैं जहां एक शॉट को तुरंत अगले शॉट द्वारा बदल दिया जाता है। लेकिन जब फिल्म निर्माता एक विशेष मनोदशा को व्यक्त करना चाहता है, कहानी के बीच बड़ा अंतर दिखाना चाहता हो, किसी अन्य दृष्टिकोण पर स्विच करना चाहता हो, स्टोरी में समय के साथ पीछे या आगे बढ़ना चाहता हो? तब उसे अधिक कलात्मक ट्रांजीशन का उपयोग करना होता है जो इस प्रकार हैं-

ट्रांजीशन के प्रकार (Types of Transition) – 

1. कट (Cut) -
सबसे आम ट्रांजीशन - एक कट के लिए किसी भी तरह की प्रोसेसिंग की जरूरत नहीं है - एक शॉट समाप्त होता है और दूसरा शुरू होता है। आपके कैमरे के रॉ फुटेज में शॉट्स के बीच कट होते हैं, जहाँ आप रुकते हैं और जहाँ से आप रिकॉर्डिंग शुरू करते हैं. अधिकतर न्यूज़ स्टोरीज या पैकेज में कट ट्रांजीशन का ही उपयोग किया जाता है. चित्र क्रमांक 23 (a).

2. मिक्स/डीसोल्व/क्रॉसफेड (Mix/Dissolve/Cross fade) – 
यह सभी एक ही तरह के ट्रांजीशन को परिभाषित करते हैं जिसमे एक शॉट धीरे-धीरे ओवरलैप करते हुए दुसरे शॉट को रिप्लेस करता है जिसे हम ओवरलैपिंग (Overlapping) भी कहते हैं. इस ट्रांजीशन का उपयोग अधिकार डाक्यूमेंट्री में किया जाता है जहाँ स्टोरी का पेस (Pace) काफी स्लो होता है और जहाँ हमें लम्बे शॉट्स को मंद गति और चिंतनशील मनोदशा के साथ दिखाना होता है. क्रॉसफेड ​​ट्रांजीशन लम्बा समय गुजारने या स्थान बदलने की भावना को भी व्यक्त कर सकता है। चित्र क्रमांक 23 (b).

3. फेड इन एवं फेड आउट (Fade-In and Fade-out)
यह दूसरा सबसे जायदा उपयोग होने वाला ट्रांजीशन है. यह ट्रांजीशन अधिकतर फिल्म के शुरुवात में (फेड-इन) या समाप्ति (फेड-आउट) में उपयोग होता है जिसमे हम स्क्रीन को धीरे-धीरे एक सिंगल कलर में बदल देते हैं या सिंगल कलर से धीरे-धीरे स्क्रीन में आ जाते हैं. जैसे सूर्योदय और सूर्यास्त के समय होता है. “फेड टू ब्लैक” सबसे जायदा उपयोग होने वाला फेड-आउट ट्रांजीशन है.

4. वाइप (Wipe) – 
इस तरह के ट्रांजीशन में एक शॉट दुसरे शॉट को जियोमेट्रिक पैटर्न में प्रोग्रेस्सिवेली रिप्लेस करता है. सीधी रेखाओं से लेकर जटिल आकृतियों तक, हर तरह के वाइप ट्रांजीशन एडिटिंग सॉफ्टवेर में उपलब्ध होते हैं जैसे बेंड वाइप, क्लॉक वाइप, इनसेट आदि. एक वाइप तब होता है जब एक शॉट फ्रेम के एक तरफ से (पहले शॉट को हटाते हुए) दूसरे तरफ तक जाता है. चित्र क्रमांक 23 (c).

Simple Transitions (Shot A to Shot B)
  
  CUT – A Changes instantly to B - चित्र क्रमांक 23 (a)
   
   Dissolve – A merge or Fade into B - चित्र क्रमांक 23 (b)

 
 
    
  Wipe – A is progressively replaced by B - चित्र क्रमांक 23 (c)
 

 
ट्रांजीशन बहुत महत्वपूर्ण हैं - कैमरा ऑपरेटर से संपादक तक सभी को इस बात की अच्छी समझ होनी चाहिए कि प्रभावी ट्रांजीशन कैसे करें, तभी एक अच्छे प्रोडक्शन का निर्माण हो पता है.

ट्रांजीशन बहुत असरदार हो सकते हैं, लेकिन ट्रांजीशन का जरुरत से अधिक उपयोग करना एक आम गलती है। इसीलिए प्रोडक्शन में यह ध्यान रखना आवश्यक है कि कहाँ कौन सा ट्रांजीशन लगाना है और कहाँ नहीं और इसको समझना ही एडिटिंग अस्थेटिक (Editing Aesthetic) कहलाता है. अधिकांश प्रोफेशनल एडिटर भी अपने प्रोडक्शन में सिर्फ, कट या क्रॉसफ़ेड ट्रांजीशन का ही उपयोग करते हैं क्योंकि एनिमेटेड ट्रांजीशन या तो डिस्टरेक्ट कर सकते हैं या वीडियो के फ्लो पर प्रभाव डाल सकते हैं।

एक उपयुक्त प्रकार के ट्रांजीशन का चयन करना काफी महत्वपूर्ण है, इसलिए इसका चयन करने के लिए हमें कुछ सवाल अपने आप से पूछने होते हैं जैसे –
· आप ट्रांजीशन लगाकर क्या दर्शाना चाहते हैं और क्या उससे आपका उद्देश्य पूरा हो रहा है?
· क्या ट्रांजीशन लगाने के बाद शॉट समझ में आ रहा है, या भ्रामक है?
· क्या यह कहानी को आगे बढ़ाता है?

ट्रांजीशन प्रोडक्शन के तीनो स्टेज में उपयोग किया जा सकता है –
इन-कैमरा: कुछ कैमरे बिल्ट-इन ट्रांज़िशन और फ़ेड के साथ आते हैं।
जनरेटिंग डिवाइस: लाइव प्रोडक्शंस में, स्पेशल इफ़ेक्ट जनरेटर या विज़न मिक्सर का उपयोग करके वास्तविक समय में ट्रांजीशन को जोड़ा जा सकता है। 
पोस्ट-प्रोडक्शन: उपयुक्त सॉफ्टवेयर का उपयोग करके, संपादन के दौरान ट्रांजीशन को जोड़ा जा सकता है।

वीडियो ट्रांजीशन को एडिटिंग सॉफ्टवेयर में कैसे उपयोग करना है इसके लिए निचे दिए गए वीडियो लिंक पर क्लिक कर सकते हैं -
https://www.youtube.com/watch?v=sMyYGU1_0Io

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