Tuesday 4 July 2017

वीडियो कैमरा - फ्रेमिंग (Framing) और कैमरा मूवमेंट (Camera Movement)



कैमरे को विषय की तरफ सिर्फ घुमाने की बजाय आपको विषय को कंपोज़ करना है. जैसे की पहले भी कहा फ्रेमिंग कम्पोजीशन को सर्जन करने की प्रक्रिया है (Framing is the process of creating composition). 
  • फ्रेमिंग तकनीक बहुत ही व्यक्तिपरक (Subjective) है. जो एक व्यक्ति को सृजनात्मक लगता है वही दुसरे व्यक्ति को व्यर्थ लग सकता है. जो कुछ हम यहाँ देख रहे हैं वह मीडिया इंडस्ट्री में स्वीकृत है इसलिए इसे आप रूल ऑफ़ थम्ब (Rule of Thumb) के रूप में उपयोग कर सकते हैं.
  • वीडियो फ्रेम बनाने के नियम अनिवार्य रूप से आज भी बिलकुल फोटोग्राफी के नियम जैसे ही हैं।
फ्रेमिंग के नियम (Some Rules of framing) –
  • रूल्स ऑफ़ थर्ड (Rule of Thirds) - यह नियम फ्रेम को नौ भाग में बांटता है, जैसा कि पहले चित्र क्रमांक 7(a) के फ्रेम में है. इस नियम में मानसिक रूप से आपकी छवि को 2 क्षैतिज रेखाओं (Horizontal Lines) और 2 ऊर्ध्वाधर रेखाओं (Vertical Lines) का उपयोग करके विभाजित किया गया है, जैसा कि नीचे दिखाया गया है. इसमें मुख्य विषय को बीच (Centre) में रखने के बजाय फ्रेम के 1/3 या 2/3 में भाग में रखा जाता है. इसका उपयोग कैसे करें – सबसे पहले यह तय करें की फ्रेम में सबसे महत्वपूर्ण तत्व क्या है और फिर उस तत्व को इन लाइन्स पर या यह लाइन्स जहाँ मिल रहीं है उसके पास या उसके उपर रखने की कोशिश करें. उदहारण के लिए चित्र क्रमांक - 7(b) में देखें.

चित्र क्रमांक - 7(a)


चित्र क्रमांक - 7(b)
  • "हेडरूम (Head Room)", "लूकिंग रूम (Looking Room)", और "लीडिंग रूम (Leading Room)". ये शब्द फ्रेम में खाली जगह का उल्लेख करते हैं जो जानबूझकर खाली छोड़ दिया जाता है। बच्चे जिस दिशा में क्रॉल कर रहा है उस दिशा में कुछ भाग लीडिंग रूम के रूप में छोड़ा गया है (चित्र क्रमांक - 7(c) में देखें), और वहीं अगले शॉट में  एक और बच्ची जिस दिशा में देख रही है उसे देखने के लिए उस दिशा में कुछ खाली भाग लूकिंग रूम के रूप में छोड़ा गया है (चित्र क्रमांक - 7(d) में देखें). इस खाली जगह के बिना, फ्रेम असुविधाजनक लगेगा. 

चित्र क्रमांक - 7(c)


चित्र क्रमांक - 7(d)
  • वहीं हेडरूम विषय के सबसे उपरी भाग और फ्रेम के सबसे उपरी भाग के बीच की जगह को कहा जाता है. शौकिया वीडियो में एक आम आदमी अधिकतर यही गलती करता है कि बहुत ज्यादा हेडरूम छोड़ देता है, जो अच्छा नहीं दिखता है और पिक्चर को बर्बाद कर देता है किसी भी "व्यक्ति” के क्लोजअप शॉट, एक्सट्रीम क्लोजअप शॉट में, बहुत कम हेडरूम होना चाहिए.
  • आपके फ्रेम में सब कुछ महत्वपूर्ण है, बल्कि न सिर्फ विषय। फ्रेम में पृष्ठभूमि (Background) कैसा है? प्रकाश की लाइटिंग (Lighting) सही है या नहीं? क्या फ्रेम में कुछ ऐसा तो नहीं जो फ्रेम को विचलित कर सकता है, या वीडियो की निरंतरता को बाधित कर सकता है? अपने फ्रेम के किनारों (Edges) पर ध्यान दें फ्रेम में किसी भी वस्तु को आधा दिखाने से बचें, विशेष रूप से किसी व्यक्ति को (किसी के चेहरे का आधा हिस्सा पिक्चर में दिखे तो इसे बहुत नापसंद किया जाता है) साथ ही फ्रेम में किसी व्यक्ति को उसके जोड़ों (Joints) से काटने से भी बचें, जैसे फ्रेम को व्यक्ति के पेट तक रखना ठीक है पर वहीं फ्रेम उसके घुटने तक रहेगा तो सही नहीं लगेगा.
जब आप यह समझ जाते हैं की क्या करना है और क्या नहीं (Do’s and Don’ts), तो आप अधिक रचनात्मक बन सकते हैं। शॉट के अर्थ को व्यक्त करने का सबसे अच्छा तरीका सोचें. यदि कोई बच्चा फर्श पर क्रॉलिंग कर रहा है, तो पहले स्वयं फर्श पर उतरो और उस बच्चे के पॉइंट-ऑफ-व्यू (Ponit of View) से देखने की कोशिश करो. 
हमेशा दिलचस्प और असामान्य शॉट्स बनाने की सोच रखनी होगी. क्योंकि आप अगर ध्यान दें आपके अधिकतर शॉट्स किसी की भी नज़र में सामान्य होंगे जब तक उसमे कुछ मिश्रण करने का प्रयास ना हुआ हो जैसे विभिन्न कोण (Different Angles) और भिन्न कैमरा स्थिति (Different Camera Positions). उदहारण के तौर पर जब किसी शॉट को लो एंगल (Low Angel) से लेते हैं तो सीधे शॉट की तुलना में कहीं अधिक दिलचस्प हो जाता है.

इसलिए जायदा से जायदा टीवी और प्रोफेशनल वीडियो में लिए गए असाधारण शॉट्स को देखें और समझें. सारा खेल कैमरा पोजीशन और कैमरा कम्पोजीशन का है. अपने प्रोडक्शन में भी उसका उपयोग करें.

कैमरा मूवमेंट (Basic Camera Movement) - 

कैमरा फ्रेमिंग के साथ, मूल कैमरा मूवमेंट के लिए भी मानक विवरण होते हैं। जिसमे ये मुख्य हैं:



पैन (PAN) – कैमरा को बिना वर्टीकल मूवमेंट के दायें और बाएं तरफ घुमाना.

टिल्ट (Tilt) - कैमरा को बिना हॉरिजॉन्टल मूवमेंट के ऊपर और नीचे की तरफ घुमाना.

ज़ूम (Zoom) – इन और आउट, जिसमे कैमरा विषय के करीब या उससे दूर जाता है. (हालांकि ज़ूमिंग और कैमरे को विषय के करीब या उससे दूर ले जाना दो अलग चीज़ हैं. आगे की पोस्ट में इस पर विस्तृत जानकारी मिलेगी). जब ज़ूम इन करते हैं तो उसको फ्रेम टाइट “Tighter” करना कहते हैं और जब ज़ूम आउट करते हैं तो उसको फ्रेम लूस “Looser” करना कहते हैं.

चित्र क्रमांक - 7(e)
फॉलो (Follow) – किसी भी प्रकार का शॉट, जिसमे आप कैमरे को हाथ में पकड़ते हैं (या अपने कंधे पर कैमरे को रखते हैं) और फिर किसी चलते हुए एक्शन को शूट करते हैं उसे फॉलो शॉट कहते हैं. यह शॉट लेना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन जब अच्छी तरह से किया गया हो तो बहुत प्रभावी होता है. चित्र क्रमांक - 7(e) में देखें.

चित्र क्रमांक - 7(f)
डॉली (Dolly) और ट्रैकिंग (Tracking) - डॉली एक गाड़ी की तरह है जो ट्रैक के उपर चलती है या स्टूडियो में मूवमेंट शॉट को रिकॉर्ड किया जाता है. इसमें कैमरे को डॉली पर रखा जाता है और उसे ट्रैक पर चलाया जाता है और चलते हुए कैमरे पर शॉट को रिकॉर्ड किया जाता है. डॉली शॉट्स में कई अनुप्रयोग (Applications) हैं और बहुत अलग फुटेज प्रदान कर सकते हैं. चित्र क्रमांक - 7(f) में देखें



चित्र क्रमांक 7(g) में देखें
पेडस्टल (Pedestal) – इसमें कैमरा को स्टूडियो पेडस्टल (चित्र क्रमांक 7(g) में देखें) के सहारे ऊपर या निचे की तरफ मूव किया जाता है. “पेडस्टल अप” करना हो तो कैमरा ऊपर की तरफ उठायें और “पेडस्टल डाउन” करना हो तो कैमरा को नीचे की तरफ लायें.

ट्रक (Truck) or ट्रैक (Track) – यह डॉली मूवमेंट की तरह है बस इसमें कैमरा को दायें या बाएं मूव किया जाता है l ट्रक लेफ्ट के लिए "कैमरे को शारीरिक रूप से बाईं ओर ले जाएँ" l इसमें और पैन मूवमेंट में भ्रमित नहीं होना चाहिए, पेन में कैमरा अपनी धुरी पर स्थिर रहता है, जबकि लेंस एक दिशा या अन्य की ओर जाता है जबकि ट्रक मूवमेंट में आप खुद कैमरा के साथ मूव करते हैं .
(चित्र क्रमांक 7(h) में देखें)

ARC (आर्क) – आर्क का अर्थ है “डॉली या ट्रक मूवमेंट को ही थोड़ा घुमावदार मूवमेंट साथ ले जाना”.

क्रेन (Crane) or बूम (Boom) – इसमें पूरे कैमरे को क्रेन या जिब आरम (JIB Arm) (चित्र क्रमांक 7(h) में देखें) के माध्यम से ऊपर या निचे मूव किया जाता है l यह काफी कुछ पेडस्टल अप डाउन की तरह है पर इसमें कैमरा काफी उंचाई तक जा सकता है.

टंग (Toungue) –
इसमें पूरी कैमरा यूनिट को कैमरा क्रेन सहित दायें से बाएं और बाएं से दायें घुमाया जाता है.

नोट: अधिकांश कैमरा मूवमेंट इन मूल कैमरा मूवमेंट के मिश्रण हैं उदाहरण के लिए, जब आप ज़ूमिंग कर रहे होते हैं, जब तक कि आपका विषय फ्रेम के सही केंद्र (Centre) में न हो, आपको उसी समय पैन और/या टिल्ट भी करना होगा जब तक आपका मनचाहा फ्रेम नहीं बन जाता. .

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